haldi ke fayde in hindi हल्दी के 30 चमत्कारी फायदे

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हल्दी को हल्के में मत लेना, इसके चमत्कारी गुण के आगे ये 30 रोग घुटने टेक देते है

जरूर पढ़े haldi ke faydeदोस्तो हिन्दु धर्म मे हल्दी को बहुत ही शुभ मना गया है अक्सर आप लोगो ने देखा होगा की हिन्दु धर्म मे जब भी कोई शुभ काम होता हैं जैसे पूजा पाठ या शादी वैगरह इत्यादि तो हल्दी का उपयोग जरूर किया जाता है लेकिन हल्दी सिर्फ शादी विवाह मे इस्तेमाल करने वाली या खाने वाली वस्तु नहीं है यह उससे भी बढ़ के है और haldi ke fayde अनेको है और सुखी haldi ke fayde जितना है उतना ही kachi haldi ke fayde भी ओषधीये गुणों के हिसाब से बहुत है ये हमारे स्वास्थ के लिए काफी फादेमंद मना जाता है आइये सुरु करते है


haldi ke fayde in hindi
 haldi ke fayde in hindi 


हल्दी क्या है? (What is Haldi in Hindi?) 

आयुर्वेद के अनुसार हल्दी एक जड़ी-बूटी है। इसे प्रमुख रूप से मसालों के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। और इसके कुल का नाम Zingiberaceae (जिन्जिबेरेसी) है। और साथ ही हल्दी खाने के अलावा कई तरह की बीमारियों में हल्दी का उपयोग बहुत ही गुणकरी माना गया है 

हल्दी कितने प्रकार के पाए जाते है 

हल्दी की मुख्य 4 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे 
No.1  Curcuma longo: इस प्रजाति का उपयोग मुख्य रुप से मसालों और औषधियों के रूप में किया जाता है। 
No.2  Curcuma amada: इस हल्दी को आमहल्दी (Mango ginger) भी कहते है क्योंकि इसके पतों से कपूर और आम जैसी महक आती है 
No.3 Curcuma aromatica: यह जंगली हल्दी होता है 
No.4 Curcuma caesia: - यह काली हल्दी होता है पुरानी मान्यताओं के अनुसार इस हल्दी में चमत्कारिक गुण होते हैं। इस हल्दी का उपयोग ज्योतिष और तंत्र विद्या में ज्यादा क्या जाता है 

हल्दी के 30 चमत्कारी फायदे 

No.1 मधुमेह के रोग मे 

मधुमेह रोग मे haldi ke fayda बहुत हि गुणकरी माना गया है अगर आप मधुमेह रोग से परेशान है तो आधा चम्मच पिसी हुई सुखी हल्दी को फांककर पानी पीने से मधुमेह में हो रहे बार-बार -पेशाब से आराम मिलता है। या 9 ग्राम पिसी हल्दी रोजाना दो बार पानी के साथ फंकी लें। इससे, बार-बार और अधिक मात्रा में पेशाब का आना, ज्यादा प्यास लगना, आदि मधुमेह के रोगों से आराम दिलाता है। 

No.2 त्वचा के रोग 

अगर आपको चर्म रोग है या त्वचा सबंधित कोई शिकायत है तो सुखे हल्दी को पीसकर तिल के तेल में मिलाकर मालिश करें इससे चर्म रोग खत्म हो जाएगा। या अगर शरीर में खुश्की या रूखापन गई हो तो सरसों के तेल में हल्दी को मिलाकर शरीर पर उसकी मालिश करने से लाभ होता है। 

No.3 हाथ-पैर फटना 

ठंड मे हाथ पैर फटना बार बार ऐड़ी फटने की शिकायत है तो कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा मुलायम होती है। इससे हाथ-पैर भी नहीं फटते हैं और यदि कहीं फट भी गये हों तो उनमें हल्दी भर दें तो फायदा होगा। 

No.4 चेहरे की झांइयां 

आपके चेहरे मे रुखापन या झाइयो की शिकायत है तो 12 ग्राम हल्दी और तिल को पीसकर पानी में मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धो लें। इससे चेहरा चमक उठता है। और झुरियों से छुटकारा मिलता हैं 

No.5 गले के टांसिल का बढ़ना 

गले की टांसिल या भारी आवाज हो जाता है तो 2 से 3 चुटकी पिसी हुई हल्दी, आधी चुटकी पिसी हुई कालीमिर्च और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर आग पर गर्म कर लें और फिर शहद में मिलाकर रात को सोने से पहले पीने से 2 ही दिन में टांसिल की सूजन दूर हो जाती है। 

No.6 शरीर को शक्तिशाली बनाये और कमजोरी को दूर भगाये 

अगर आपको कमजोरी है या शरीर मे झींझीनाहट है तो हल्दी का सेवन जरूर करना चाहिए लगभग 500 ग्राम की मात्रा में हल्दी की गांठे और एक किलो बुझा हुआ चूना लेकर इसको एक मिट्टी के बर्तन में डालकर इसमें ऊपर से 2 लीटर पानी डालें। पानी डालते ही चूना पकने लगता है और जब यह ठण्डा हो जाए तो बर्तन को ढककर रख दें। इसके बाद 2 महीने बाद हल्दी की गांठों को निकालकर पीसकर चूर्ण बना लें। हल्दी की गांठों के चूर्ण को 3 से 4 ग्राम की मात्रा में लेकर 12 ग्राम शहद के साथ मिलाकर लगातार 4 से 5 महीने तक रोजाना खाने से शरीर का खून साफ हो जाता है और इससे शरीर में भरपूर ताकत आती है। 

No.7 चोट लगने पर 

यादी आपको किसी भी प्रकार के हाथ या पैर मे चोट या मोच लग गया हो तो एक चम्मच हल्दी गर्म दूध के साथ पीने से दर्द और सूजन दूर हो जाती है। चोट लगी जगह पर हल्दी को पानी में मिलाकर उसका लेप लगाएं और अगर चोट ज्यादा गहरा हो तो उसमें हल्दी भर दें इससे चोट जल्द भर जाएगी। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी को खाया जा सकता है। 2 चम्मच घी, आधा चम्मच सेंधानमक, थोड़ा-सा पानी मिलाकर हलुवा सा बनाकर चोट पर रखकर बांधें। एक से दो गिलास उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधानमक डालकर हिलाएं फिर इसमें एक चम्मच हल्दी डालें और बर्तन को उतारकर रख दें जब पानी सेक करने लायक हो जाये तो कपड़ा भिगोकर चोट वाले अंग पर इससें सेंक करें। इससे दर्द में आराम मलेगा। और अगर आप को मोच आगया हो तो 1 से 2 गाठ हल्दी और एक चम्मच चोथाई चुना और एक चम्मच सरसों का तेल मिला कर गर्म करले और मोच वाले जगह पर बाध दे इससे दर्द मे आरम मिलेगा 

No.8 हड्डी के टूटने पर 

यदि आप की हड्डी मे चोट लग गया हो या हड्डी क्रेक हो गया हो तो ऐसे मे रोज हल्दी का सेवन करने से लाभ मिलता है। एक प्याज को पीसकर एक चम्मच हल्दी मिलाकर कपड़े में बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और इससे फिर सेंक करें। कुछ देर सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांध दें। 

No.9 दांत दर्द 

आपको अगर दांत दर्द की समस्या है या पेयरिया की शिकायत है तो हल्दी, नमक और सरसों का तेल मिलाकर रोज मंजन करें। इससे दांत मजबूत बनेंगे। 

No.10 पेट की गैस 

लिवर या पेट में जब गैस भर जाती है तो बहुत दर्द होता है। ऐसी स्थित में पिसी हुई हल्दी और सेंधानमक 6-6 ग्राम की मात्रा में पानी से लें। 

No.11 गठिया रोग 

यादि आपको गठिया रोग की शिकायत है तो ऐसे में हल्दी के लड्डू खाने से लाभ होता है। 

No.12 खुजली 

शरीर के किसी भी भाग मे फोड़ा या फुंसी या पीले रंग के दाने जिसमें मवाद भरी हो और उनमें खुजली हो तो, एक चम्मच हल्दी, एक कप गर्म दूध,आधा चमच देशी घी, स्वाद के लिए शक्कर डालकर सुबह शाम पियें। 

No.13 चेचक रोग 

चेचक रोग मे भी हल्दी का उपयोग काफी लाभकारी मना गया है अगर आपको चेचक हो गया है तो हल्दी और इमली के बीज समान मात्रा में पीसकर चुटकी भर प्रतिदिन 7 दिनों तक लेने से माता (चेचक) नहीं निकलती है। चेचक के निकलने पर इमली के बीज का चूर्ण हल्दी में मिलाकर लेने से चेचक जल्द ही ठीक हो जाता है। चेचक के दानों में अगर घाव हो जायेरोग पान के कत्थे को हल्दी के संग सूखा ही छिड़के तो वह ठीक हो जायेगा। 

No.14 सौन्दर्यवर् 

हल्दी को सौन्दर्यवर्धक भी कहा गाया अगर आप हमेसा जवान और सुंदर दिखना चाहते है तो पिसी हुई हल्दी, चंदन का बुरादा, पिसे हुए हरे नीम के पत्ते प्रत्येक 3-3 चम्मच लेकर मिला लें और चेहरे पर मलें। इससे चेहरा चमक उठेगा और इस प्रयोग से चेहरे के कील मुंहासें, दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे। कुछ हफ्ते लगातार इसे मलने से त्वाचा का रंग भी साफ हो जाता है। 

No. 15 आंखों के रोग 

आँखो के लिए हल्दी को बहुत ही गुणकरी माना गया है अगर आपको आँख संबधी कोई परेशानी है तो हल्दी को अरहर की दाल में पकायें और छाया में सुखा लें उसे पानी में घिसकर, शाम होने से पहले ही दिन में दो बार जरूर लगायें इससे झामर रोग, सफेद फूली और आंखों की लालिमा में लाभ होता है। 

No.16 पथरी 

पथरी या किडनी मे स्टोन हो गया हो तो हल्दी और पुराना गुड़ छाछ में मिलाकर सेवन करने से पथरी नष्ट हो जाती है। 

No.17 मस्से 

शरीर पर मस्से हो या गाठ होगया हो तो हल्दी की गांठ को अरहर की दाल में पकायें फिर छाया में सुखाकर, गाय के घी में पीसकर (मस्सों) पर उसका लेप करें, इससे मस्से तुरन्त नर्म हो जाते हैं और दर्द दूर होता है। 

No.18 बालों का गिरना 

बाल गिरने की समस्या हो या बाल पकने की समस्या तो ऐसे मे कच्ची हल्दी में चुकन्दर के पत्तों का रस मिलाकर सिर में लगायें इससे बाल नहीं गिरते और नये बाल भी उगते हैं। बाल सुन्दर और आकर्षक भी बन जाते हैं। 

No.19 दीर्घायु 

अगर आप हमेसा जवान और सुन्दर दिखना चाहते है तो हल्दी का सेवन नियमित रूप से करने से वृद्धावस्था में देर में आती है और लंबी आयु प्राप्त होती है। 

No.20 श्वास, दमा रोग 

श्वास रोग या दमा रोग मे हल्दी को बहुत ही लाभकारी मना गया है अगर् हल्दी को पीसकर इसका चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को तवे पर भूनकर शीशी में बंद करके रखें। इस चूर्ण को 6 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म जल के साथ प्रतिदिन सेवन करने से अस्थमा (दमा) के रोगी को बहुत लाभ मिलता है। 

No.21 खांसी 

खांसी, गले, सीने में घबराहट हो कफ की शिकायत हो तो गर्म पानी में हल्दी और नमक को मिलाकर पी लें। हल्दी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में डालकर चूसते रहने से खांसी कभी नहीं आएगी। 

No.22 पायरिया 

हल्दी को दांत के लिए बहुत ही लाभदायक माना गया है यदि दांत मे पायरिया की शिकायत हो या मुँह से बदबू आती हो तो हल्दी को बारीक पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर रख लें। रोजाना रात को सोते समय इस पॉवडर को दांतों पर मलें और बिना कुल्ला किए हुए सो जाएं। सुबह उठकर कुल्ला करने से पायरिया का रोग नष्ट होता है।

  No.23 सूखी काली खांसी 

हल्दी की 4 से 5 गांठों को तवे पर भूनकर पीस लेते हैं। फिर इसे 4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से सूखी काली खांसी दूर हो जाती है। 

No.24 मसूढ़ों का रोग 

मसूढ़ा कमजोर हो गया हो या मसूढ़ो से खुन आता हो तो हल्दी को मोटा-मोटा कूटकर आग पर भून लें। इसे बारीक पीसकर कपड़े से छानकर प्रतिदिन सुबह-शाम मसूढ़ों पर मलें। इससे मसूढ़ों संबधित बीमारी ठीक हो जाते हैं।

No.25 पेट के कीड़े 

पेट मे किरिमी या कीड़े होगये हो या टॉलेट के रास्ते कीड़े निकलते हो तो ऐसे मे हल्दी को तवे पर अच्छी तरह से भूनकर रख लें, फिर आधा चम्मच की मात्रा में रात को सोने से पहले पानी के साथ पीये। इससे पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं। 

No.26 बवासीर (आल्सर) 

अल्सर की शिकायत है या बवासिर जैसी गंभीर बिमारी है तो हल्दी और कसी हुई लौकी का चूर्ण पानी के साथ पीसकर या सरसों के तेल में पका लें। उस तेल को मदार के पत्ते में लगाकर बवासीर के मस्सों पर लगायें और लंगोट कसें। इससे मस्से सूखकर गिर जाते हैं। 

No.27 कान का बहना 

कान का बहना या कान मे मावद हो जाना या किसी भी प्रकार के फोड़ा फुंसी हो जाता है तो ऐसे मे 4 ग्राम हल्दी, 12 ग्राम नीम के पत्तों का चूर्ण और 9 ग्राम लहसुन की कलियों को 200 ग्राम सरसों के तेल में डालकर पका लें। इस तेल को बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान में से मवाद का बहना ठीक हो जाता है। और कान दर्द मे आराम मिलता है 

No.28 चक्कर आना 

यादी आपको बार बार चक्कर आने की शिकायत है तो कच्ची (ताजी) हल्दी पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से चक्कर आना बंद हो जाता है। 

No.29 एक्जिमा रोग 

मालाबार नट या वासा (अडू़सा) के कोमल पत्तों को हल्दी में मिलाकर गौमूत्र (गाय का पेशाब) के साथ पीसकर लेप करने से एक्जिमा से मुक्ति मिलती है। 

No.30 बिवाई के फटने पर 

कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी को मिलाकर शरीर पर लेप करने से त्वचा मुलायम होती है और हाथ-पैर नहीं फटते हैं। सावधानी कृपया ध्यान दे : हल्दी का अधिक मात्रा में उपयोग हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। इस लिए बिना वैध या डाक्टर के सलाह लिए उपयोग ना करे 

Frequently Asked Question's (FAQs) 

No.1 हल्दी क्या है 

आयुर्वेद के अनुसार हल्दी एक जड़ी-बूटी है। इसे प्रमुख रूप से मसालों के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। और इसके कुल का नाम Zingiberaceae (जिन्जिबेरेसी) है। 

No.2 हल्दी से कौन सी बीमारी ठीक होती है? 

हल्दी से बहुत सारे बीमारी ठीक क्या जा सकता है जैसे बवासीर, डायबिटीज, ल्यूकोरिया, पाचन तंत्र, जैसे गंभीर बीमारयो को भी ठीक क्या जाता है 

No.3 रोज दूध में हल्दी डालकर पीने से क्या होता है? 

दूध मे रोज हल्दी डालकर पीने से हड्डियां मजबूत होती है। क्योकि दूध में कैल्शियम होता है जिससे शरीर मजबूत बनता है और हल्दी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते है। जो हड्डी से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करते है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या मे काफी राहत मिलता है No.4 हल्दी के अन्य नाम क्या है हल्दी को कई शहरों मे अलग अलग नामो से जाना जाता है जैसे English मे Turmeric (टर्मेरिक्) , Sanskrit मे हरिद्रा, काञ्चनी, पीता,Hindi मे हर्दी, हल्दी; Urdu मे हलदी (Haladi) Asam मे हलादी (haladhi); Konkani मे हलद (Halad); और Kannada मे अरसिन (Arsina), अरिसिन (Arisin) इत्यादि नामो से जाना जाता है 5 . हल्दी कितने प्रकार के पाए जाते है हल्दी की मुख्य 4 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे No.1 Curcuma longo No.2 Curcuma amada No.3 Curcuma aromatica No.4 Curcuma caesiafayda


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