आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार
बबूल की फली, सेहत से जुड़ी कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है
यह कफ और पित्त से जुड़ी बीमारी या स्कीन, सांस संबधित बिमारी मुंह से बदबू आना जैसी बीमारी के अलावा ये कई बीमारियों से बचाव करने में सहायक होता हैं इसे कई जगह Healing tree के नाम से भी जाना जाता है दोस्तों आज की आर्टिकल में बबूल फली के फायदे क्या क्या हैं और इसके सेवन से कौन कौन से रोगों को दूर किया जा सकता है आईए सुरू करते हैं
परिचय
बबूल को बहुत से जगहों पर अलग अलग नाम से जाना जाता है
ये मिमोसेसी प्रजाति से आता है इसका वानस्पतिक नाम अकेशिया निलोटिका हैं इसे कई जगह बबूर, कीकर,इण्डियन अरेबिक ट्री, मालाफल, नामो से संबोधित किया जाता हैं इसका पेड़ लम्बा झाड़ीदार और कांटेदार वृक्ष होता है। इसमें गर्मी के मौसम में पीले रंग का गुच्छेदार फूल खिलते हैं। इसका फल हरी और चपटी इमली की तरह होता हैं इसके फल और पत्ती छाल से कई तरह के असाध्य रोग को ठीक किया जा सकता है
बबूल फली के फायदे
No.1 जोड़ों के दर्द में बबूल की फली के फायदे
बबूल की फली का नियमित सेवन से जोड़ों का दर्द, सूजन जैसी समस्या ठीक हो जाता है बबूल की फली मे एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर होता है जो वात को बैलेंस करके जोड़ों के दर्द से छुटकारा दिलाता है बबूल की फली को छिलके सहित सुखा कर पाउडर बनाले और उसके बाद रोज सुबह शाम 1-1 चम्मच पानी के साथ सेवन करने से घुटनो का दर्द और सिर दर्द, कमर दर्द जैसे बीमारी ठीक हो जाता है।
No.2 शारीरिक जलन में बबूल की फली के फायदे
अगर आप के हाथ पैर या
शरीर के किसी भी अंग में जलन हो रही है तो बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से जलन शांत हो जाती है।
No. 3 खांसी में बबूल की फली के फायदे
बबूल के पत्ते तथा तने की छाल का चूर्ण बनाएं। इसके 1-2 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।
इसी तरह 1 से 2 ग्राम बबूल के चूर्ण का सेवन करने से भी खांसी ठीक होती है।
No.4 अधिक पसीना आने पर बबूल की फली के फायदे
अगर आप को अधिक पसीना आने की बीमारी है तो आप बबूल के पत्ते और बाल हरड़ को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पीस ले और उसके बाद पिसे हुए पेस्ट को पूरे शरीर पर नियमित रूप से मालिश करके स्नान करने से ज्यादा पसीना आने की बीमारी ठीक हो जाता है
इसी तरह बबूल के पत्ते को पीस कर लेप लगाने से पसीना, स्कीन सम्बन्धित बीमारी ठीक हो जाता है
No.5 कमर दर्द में बबूल फली के फायदे
कमर दर्द में बबूल काफी उपयोगी माना गया है अगर आप कमर दर्द से छुटकारा चाहते है तो बबूल की छाल,बबूल की फली, और बबूल गोंद को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें और रोज दिन में 3 बार एक एक चमच सेवन करने से कमर दर्द ठीक हो जाता है
No.6 सांस संबंधित विकार में बबूल फली के फायदे
• बबूल के पत्ते और छाल का चूर्ण बनाकर । 2 से 3 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से। सांस सबंधित बीमारी ठीक हो जाता है।
• इसी तरह 2 से 3 ग्राम बबूल का गोंद खाने से भी सांस सबंधित बीमारी ठीक होती है।
No.7 मूत्र रोग में बबूल फली के फायदे
• बबूल की 8 से 10 मुलायम कोपलों को 200 ml पानी में रात भर भिगोएं और। सुबह खाली पेट पानी को साफ करके पिएं। इससे पेशाब में जलन की समस्या या मूत्र रोग में आराम मिलता है।
• इसी तरह 20 से 25 मिली बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर। पीने से बार-बार पेशाब आने की परेशानी ठीक हो जाती है।
No.8 कंठ के रोग में बबूल फली के फायदे
कंठ में दर्द या सूजन है तो
बबूल के पत्ते, छाल एवं बरगद की छाल लेकर बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर रात भर एक गिलास पानी में भिगो दें। और सुबह छानकर इससे कुला या गरारा करने से गले के रोग या सूजन ठीक हो जाता है।
No.9 दाद खुजली मे बबूल फली के फायदे
दाद खाज खुजली में बबूल का फूल को पीस कर सिरके में मिलाकर दाद खाज वाले स्थान पर लगाने से खुजली में आराम मिलता है
बबूल के साइड इफेक्ट (Babool Side Effects)
बबूल के अधिक सेवन से गुदा रोग या स्तन से संबंधित परेशानी हो सकती है इसलिए इसका अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए और कोई भी आयुर्वेदिक औषधि प्रयोग करने से पहले आप अपने डॉक्टर या वैद्य की सलाह जरूर लें
बबूल का सेवन विधि
बबूल फूल, पत्ते, छाल, फली और लकड़ी के पाउडर बनाकर या काढ़ा बना कर उपयोग किया जा सकता है इसे रोजाना 1 से 2 ग्राम तक इस्तेमाल किया जा सकता है इससे अधिक प्रयोग नहीं किया जा सकता है अगर बबूल के पाउडर का उपयोग करने से कोई परेशानी होती हैं तो आप अपने डॉक्टर या वैद्य से संपर्क करें
Frequently Asked Question's (FAQs)
No.1 बबूल की फली खाने से क्या फायदा है?
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार
बबूल की फली, सेहत से जुड़ी कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है
यह कफ और पित्त से जुड़ी बीमारी या स्कीन, सांस संबधित बिमारी मुंह से बदबू आना जैसी बीमारी के अलावा ये कई बीमारियों से बचाव करने में सहायक होता हैं
No.2 बबूल के दुष्प्रभाव क्या हैं?
बबूल के अधिक सेवन से दस्त लगना, गुदा रोग या स्तन से संबंधित परेशानी हो सकती है इसलिए इसका अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए और कोई भी आयुर्वेदिक औषधि प्रयोग करने से पहले आप अपने डॉक्टर या वैद्य की सलाह जरूर लें
No.3 बबूल का सेवन कैसे करें?
बबूल का फूल, पत्ते, छाल, फली और लकड़ी के पाउडर बनाकर या काढ़ा बना कर उपयोग किया जा सकता है इसे रोजाना 1 से 2 ग्राम तक इस्तेमाल किया जा सकता है इससे अधिक प्रयोग नहीं किया जा सकता है अगर बबूल के पाउडर का उपयोग करने से कोई परेशानी होती हैं तो आप अपने डॉक्टर या वैद्य से संपर्क करें